भिलाई

भिलाई इस्पात संयंत्र के Plot/Shop No 182, New Civic Centre Bhilai , Tah. & Distt. Durg (C.G.) से अवैध कब्जाधारियों को हटाने की कार्यवाही संबंधी । संदर्भ:-संपदा न्यायालय प्रकरण क्रमाॅक 56/2016 दिनाॅक 25/03/2025 ।

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Bhilai उपरोक्त संदर्भित आदेषानुसार बी.एस.पी. की Plot/Shop No 182, New Civic Centre Bhilai , Tah. & Distt. Durg (C.G.) के अवैध कब्जाधारियों 1. Plot/Shop No 182, New Civic Centre Bhilai , Tah. & Distt. Durg (C.G.) 2. 2- Shri Dinesh Kumar Singhal के विरूध्द माननीय संपदा न्यायालय द्वारा पारित डिक्री आदेष दिनाक 25/03/2025 जारी कर प्रवर्तन अनुभाग को अवैध कब्जाधारियों की बेदखली हेतु अधिकृत किया ।  

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 माननीय संपदा न्यायालय के आदेष के अनुपालन में प्रवर्तन अनुभाग की टीम द्वारा दिनाॅक 02/04/2025 (सुबह 09.30 बजें ) को उक्त प्लाट/षाॅप क्रमाॅक 182 न्यू सिविक सेन्टर के अवैध कब्जाधारियों के बेदखली कार्यवाही, पुलिस बल थाना कोतवाली (महिला पुलिस बल सहित) एवं कार्यपालक मजिस्ट्रेट श्री ढ़ाल सिंह बिसेन की उपस्थिति में की गयी। कार्यवाही के दौरान कब्जाधारियों को परिसर से बेदखल कर षाॅप के समस्त बाहरी दरवाजां को यथावत स्थिति में ही में सील किया गया। इस दौरान किसी भी प्रकार के सामानों की जप्ती नही बनायी गयी तथा कार्यवाही के दौरान उपस्थित गवाहों की मौजूदगी में पंचनामा तैयार किया गया। सम्पूर्ण कार्यवाही की विडीयोंग्राफी तथा फोटोग्राफी जन सम्पर्क विभाग के द्वारा की गयी। साथ ही विद्युत अभियाॅत्रिकी विभाग के कार्मिको द्वारा प्लाट/षाॅप का विद्युत विच्छेद किया गया।

 

दुकान क्रमांक 182, न्यू सिविक सेंटर, जसराज कोचर को 30 वर्ष के लिए लीज के तहत आवंटित की गई थी। जसराज कोचर ने दिनेश कुमार सिंघल, जो वर्तमान में भिलाई स्टील सिटी चैंबर ऑफ कॉमर्स का महासचिव है, के नाम से पावर ऑफ अटॉर्नी निष्पादित किया था, जिसके आधार दिनेश कुमार सिंघल दुकान पर काबिज था। लीज की अवधि 29.09.2012 को समाप्त हो गई थी।

 

लीजधारक द्वारा आगामी 30 वर्ष की अवधि के लिए लीज का नवीनीकरण न करवाने के कारण 2015 में दुकान का आवंटन बीएसपी द्वारा रद्द कर दिया गया था। दुकान से अनाधिकृत कब्जाधारियों को बेदखल करने के लिए 2016 में सम्पदा न्यायालय में मामला भी दायर किया गया था।

 

इस बीच जसराज कोचर की मृत्यु 2015 में हो गई। दुकान के कब्जेदार एवं पावर ऑफ अटॉर्नी धारक ने मृत्यु की घटना को बीएसपी व दुर्ग एवं उच्च न्यायालय से छुपाया था। 

 

संपदा न्यायालय ने 2017 में बीएसपी के पक्ष में आदेश पारित किया, जिसमें जसराज कोचर और दिनेश कुमार सिंघल को दुकान के अनाधिकृत कब्जेदार घोषित कर बेदखली का आदेश पारित किया । 

 

संपदा न्यायालय के आदेश को दिनेश सिंघल ने दुर्ग न्यायालय में चुनौती दी थी। दुर्ग न्यायालय ने 2019 के आदेश के तहत संपदा न्यायालय के आदेश को बरकरार रखा।

 

इसके बाद दिनेश सिंघल ने छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में दुर्ग न्यायालय के आदेश को चुनौती देते हुए याचिका दायर की थी । उच्च न्यायालय ने फरवरी 2025 को पारित आदेश के तहत याचिका को खारिज कर दिया था, जिसके चलते संपदा न्यायालय का आदेश प्रभावी हो गया।

 

दुकान पर 77 लाख 52 हजार का बिल बकाया था, जिसका आवंटी द्वारा 2014 से भुगतान नहीं किया गया था और सिर्फ बिजली बिल का भुगतान किया जा रहा था।

 

उपरोक्त कार्यवाही में प्रवर्तन अनुभाग के अधिकारियों , कर्मचारियों, निजी सुरक्षा गार्डस (महिला सुरक्षा गार्ड सहित), के साथ षाॅप अनुभाग,जन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों , सहित कार्यवाही में उपयोगी, ट्रेक्टर-ट्राली एवं अन्य वाहन इत्यादि संसाधनों के साथ लगभग 300 लोगांे की टीम षामिल रही । 

कार्यवाही के दौरान श्री ज्ञान चंद जैन (जो स्वंय को भिलाई स्टील सीटी चैम्बर आॅफ कामर्स भिलाई का प्रेसीडेण्ट बताता हैं।) द्वारा कार्यवाही का भारी विरोध करते हुए बाॅधा उत्पन्न की गयी तथा उनके द्वारा धमकी देते हुए कहा गया कि ‘‘ मै आॅन कैमरे के सामने बोल रहा हूॅ षाॅप का सील रात में तोड़ दूगा।’’ साथ ही उनके द्वारा अधोहस्ताक्षरी तथा नगर सेवा विभाग के अधिकारियों के बारे उॅचे स्तर पर षिकायत करने की बात कही है।

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