रायपुर। छत्तीसगढ़ी सिनेमा के युवा निर्माता निखिल सुंदरानी ने कम उम्र में ही अपनी पहली फ़िल्म ‘मै राजा तै मोर रानी’ के माध्यम से न केवल छत्तीसगढ़ी फ़िल्म इंडस्ट्री में एक नई पहचान बनाई है, बल्कि उन्होंने इस फ़िल्म को एक नई ऊंचाई तक पहुँचाकर प्रदेश के नाम को भी रोशन किया है।
निखिल सुंदरानी ने इस फ़िल्म की शूटिंग से लेकर पोस्ट-प्रोडक्शन तक की पूरी ज़िम्मेदारी सफलतापूर्वक निभाई। यह फ़िल्म 4 जुलाई 2025 को प्रदेश के प्रमुख सिनेमा घरों और मल्टीप्लेक्सों में प्रदर्शित हुई, जिसे दर्शकों से अपार सराहना प्राप्त हुई। इस सफलता के साथ ही निखिल सुंदरानी को छत्तीसगढ़ के अग्रणी फ़िल्म निर्माताओं की श्रेणी में स्थान प्राप्त हुआ है।
अपनी पहली फ़िल्म ‘मै राजा तै मोर रानी’ की ऐतिहासिक सफलता के बाद निखिल अब 2025 में दो नई छत्तीसगढ़ी फ़िल्मों की तैयारी में जुटे हुए हैं। वर्तमान में वे गीत-संगीत की रचना में पूरी मेहनत और लगन के साथ कार्य कर रहे हैं ताकि आगामी फ़िल्मों में भी दर्शकों को एक उत्कृष्ट सिनेमा अनुभव प्रदान किया जा सके।
निखिल सुंदरानी पिछले 6 वर्षों से ‘वीडियो वर्ल्ड स्टूडियो’ में वीडियो एडिटिंग और गीत-संगीत से जुड़े एल्बमों में प्रशिक्षण प्राप्त करते आ रहे हैं। इसके अलावा, वे अपने दादा श्री मोहन सुंदरानी जी के ऑडियो स्टूडियो में छत्तीसगढ़ी पारंपरिक गीतों की रिकॉर्डिंग, पांडवानी, आदिवासी गीत, छत्तीसगढ़ी तीज-त्योहार, एवं सतनाम समाज के परमपूज्य गुरु घासीदास बाबा की जीवन गाथाओं पर लघु फ़िल्में बनाकर, उन्हें देश-विदेश तक अपने यूट्यूब चैनल के माध्यम से प्रसारित कर चुके हैं।
निखिल सुंदरानी ने आगे भी छत्तीसगढ़ी संस्कृति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ‘लोरिक चंदा’, ‘आदिवासी आंचल की कथाएँ’ जैसी विषयों पर आधारित लघु फ़िल्मों के निर्माण की योजना बनाई है।
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