छत्तीसगढ

दुर्ग केंद्रीय जेल के कैदी अंदर से बन गए लखपति कैसे क्या अधीक्षक है मेहरबान क्या?

14118042025044958.jpg

दुर्ग केंद्रीय जेल निरुद्ध सजा काट रहे कैदी चला रहे मोबाईल खा रहे काजू बादाम लगी थी आरोप, फिर अवैध वसूली कैसे जानिए नए आए विचाराधीन कैदियों से मारपीट बर्बरता किया जाता है, और फिर अपने घरों से जेल बेरिंग में सुरक्षित रहना है, तो हमारी बोली रकम दो बोलते हैं, जिसपर विचाराधीन कैदियों द्वारा सजा काट रहे कैदियों की बात मानकर फोन पर डर कर सजा काट रहे कैदियों द्वारा मोबाईल दिया जाता है, और फोन लगाया जाता है, फिर परिवार जन डर कर उनके बताए हुवे फोन पे नंबर पर पैसा भेजते है, नहीं भेजोगे तो लास निकलेगा पर यह कोई चेतावनी नहीं आयशा हो भी चुका है, पूर्व में 6 माह पहले गांजा मामले में आरोप बंदी सुंदर जाल की मृत्यु जेल के भीतर हो जाती है मारपीट करने से इसपर परिजन आरोप भी लगाते हैं, की जेल में निरुद्ध सुंदर जाल को मारा जा रहा है, लगातार फोन से पैसा मांगा जा रहा है, पर जेल अधीक्षक की मेहरबानी देखिए इन पर सख्त कारवाही नहीं होने पर, सजा कैदियों को पैसा न मिलने पर विचाराधीन कैदियों को मोबाइल फोन और काजू किसमिस खिला कर संरक्षण देकर उस सुंदर जाल को जेल के अंदर ही देख लिया जाता है, परिजन को मिलती है, परिजन लगाते हैं आरोप लास और किसकी सेटिंग डॉक्टरों से कागज जिसमें लिखा होता है, बीमार अगर बीमार रहता तो अच्छी स्वस्थ लाभ क्यों नहीं दिया गया परिजन आरोप लगाते हैं,  लाचार व्यक्ति न्याय जेल व्यवस्था कैसे सुनिश्चित करें जेल के अंदर स्वस्थ को लेकर। 

Image after paragraph

 

जेल अधीक्षक दुर्ग केंद्रीय ने एक बोर्ड लगाया जिसमें लिखा है, जेल परिसर में मोबाईल लाना मना है, जेल अधीक्षक दुर्ग केंद्रीय ने एक बोर्ड पर लिखा है मोबाईल लाना परिसर में मना है, लेकिन जेल के अंदर से कैदी चला रहे साहब की मेहरबानी से मोबाईल फोन सजा काट रहे जो कि एक बच्ची की दुष्कर्म मामले में जेल में निरुद्ध व्यक्ति द्वारा अवैध वसूली किया जा रहा है, साहब पूरे शासन को बदनाम करने जेल से लगे हुए हैं,

 

कलेक्टर दुर्ग को मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नाम ज्ञापन सौंपा गया।

 

दुर्ग हाल ही में छेड़ छाड़ मामले में निरुद्ध व्यक्ति को अंदर में अच्छे से रहने के लिए एक लाख की मांग की गई, उनका परिजन लगातार पैसा भेजता रहा परन्तु जब उसकी मा बीमार हो गई तब दूसरे व्यक्ति से पैसा मांगा गया जिसमें 500 रुपए डालो और चार नंबरों में 25 हजार करके डालो बोला गया जेल से आया फोन और दुर्ग पुलिस ने तत्काल FIR दर्ज विवेचना करने पर लाखों रुपए उगाही सामने आया है, सजा काट रहे कैदियों के लिए जेल बना स्वर्ग क्या जेल अधीक्षक दुर्ग केंद्रीय को जानकारी नहीं किसका संरक्षण प्राप्त से क्या इतनी बड़ी लेन देन से किनको किनको लाभ पहुंच रहा है, उच्च वर्ग को क्या अब cbi जाँच होगी,,,,,

एक टिप्पणी छोड़ें

Data has beed successfully submit

Related News

927101020251344111002439746.jpg

ताज़ा समाचार

लोकप्रिय पोस्ट

इस सप्ताह
इस महीने
पूरे समय
Location
Social Media

Copyright 2024-25 HeadLinesBhilai - All Rights Reserved

Powered By Global Infotech.