छत्तीसगढ

रावघाट माइंस: कर्मचारियों की पुकार – कैंटीन, शिक्षा प्रतिपूर्ति , हाऊस एलाउंस और चिकित्सा सुविधाओं का कब मिलेगा लाभ?

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छत्तीसगढ़ के रावघाट माइंस में कार्यरत भिलाई इस्पात संयंत्र (बीएसपी) के कर्मचारियों की लंबित समस्याओं को भिलाई स्टील प्लांट शेड्यूल्ड ट्राइब एम्पलाईज वेलफेयर एसोसिएशन ने जमीनी स्तर पर दौरा कर कर्मचारियों को हो रही समस्याओं को संज्ञान में लेते हुए भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन के निदेशक प्रभारी के नाम श्री रोहित हरित, सम्पर्क अधिकारी, एस.सी./एस.टी. एम्पलाईज , AGM ,HR (Iron) के द्वारा उचित माध्यम उचित से एक पत्र सौंपा है, जिसमें कैंटीन, शैक्षिक प्रतिपूर्ति, मेडिकल सुविधाओं की दरकार और एचआरए में संशोधन की मांग उठाई गई है। कर्मचारियों का कहना है कि प्रबंधन की उदासीनता उनके कार्यक्षमता और मनोबल को प्रभावित रही है।क्योंकि एक साल पूर्व तत्कालीन निदेशक प्रभारी और कार्मिक अधिकारी ने रावघाट माइंस का दौरा किया था उस समय भी कर्मचारियों ने हो रही संबंधित समस्याओं से अधिकारियों को अवगत कराया था। बहुत जल्द इसके समाधान करने का भी आश्वासन मिला था परन्तु एक साल के बीत जाने के बाद भी कोई भी ठोस सार्थक कदम नहीं उठाए गए। जोकि कर्मचारियों के प्रति उदासीनता को दिखाता है।

 

□ एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रदीप टोप्पो ने कहा कि रावघाट माइंस में कैंटीन की सुविधा का अभाव कर्मचारियों के लिए बड़ी समस्या बन गया है। क्योंकि लगभग 23 नियमित कर्मचारी और 250 ठेका कर्मचारी रावघाट माइंस में कार्यरत है। नाश्ता और भोजन के लिए वे जूझ रहे हैं, जिससे उनकी सेहत और कार्यक्षमता प्रभावित हो रही है। एसोसिएशन ने मांग की है कि कैंटीन स्थापना से न केवल मूलभूत जरूरतें पूरी होंगी, बल्कि उत्पादकता भी बढ़ेगी। 

 

□ दूसरी ओर, बच्चों की शिक्षा शुल्क, ट्यूशन फीस और यूनिफॉर्म भत्ते इत्यादि अन्य खर्च की प्रतिपूर्ति का अभाव आर्थिक बोझ बढ़ा रहा है। एसोसिएशन ने सेल एवं इसके अन्य यूनिटों में बच्चों की शिक्षा में दी जा रही छुट के अनुरूप एकरूपता लाई जाए एवं माइंस क्षेत्र को अतिरिक्त विशेष खर्च के प्रतिपूर्ति की सुविधाएं देने की मांग की है।

 

□ मेडिकल सुविधा पर स्थिति और गंभीर है। वर्तमान में केवल सेक्टर-9 अस्पताल तक सीमित इलाज और निजी अस्पतालों में खर्च की प्रतिपूर्ति न होना कर्मचारियों के लिए संकट है। वर्त्तमान में जिला अस्पताल, नारायणा अस्पताल, सी.एस.आर. के तहत बनाये गये स्वास्थ्य केन्द्र (खोंड़गांव-लगभग 12किमी, दण्डकवन-लगभग 22किमी) पर आश्रित है। परन्तु उसकी भी सेवा समय सामान्य पाली के समयानुसार शाम 5 बजे तक रहती है। उसके बाद मेडिकल आवश्यकता पड़ने पर काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

नारायणपुर से भिलाई की दूरी और खराब सड़कें गंभीर हालत में राहत पहुंचाने में बाधा हैं। एसोसिएशन ने स्थायी मेडिकल टीम, इंश्योरेंस और स्थानीय क्लीनिकों/स्वास्थ्य केन्द्रों में इलाज खर्च की प्रतिपूर्ति के प्रावधान की मांग की है।

 

□ इसके अलावा, नियुक्ति के समय प्रारंभिक बेसिक वेतन के 10% एचआरए के रूप में मिल रहा है। जोकि वर्त्तमान महंगाई के हिसाब से काफी कम है। जिसे एसोसिएशन ने महंगाई के अनुरूप बढ़ाने की भी अपील की गई है, ताकि रहन-सहन की लागत का सामना करने में मदद मिलेगी। यह कदम कर्मचारियों के आर्थिक कल्याण और प्रबंधन के प्रति विश्वास को बढ़ाएगा।

 

एसोसिएशन के महासचिव श्याम सुंदर मुर्मू ने कहा, "एक साल पहले प्रबंधन ने रावघाट का दौरा किया था, लेकिन वादों के सिवा कुछ नहीं मिला। इसलिये हमने इसे संज्ञान में लेते हुए प्रबंधन का ध्यान रावघाट की समस्याओं के तरफ ध्यानआकृष्ट कराते हुए इसके समाधान हेतू पत्र लिखा है । पत्र की प्रतिलिपि केंद्रीय इस्पात मंत्री, इस्पात राज्यमंत्री, सेल चेयरमैन और क्षेत्रीय अधिकारियों को भी भेजी गई है। 

 

एसोसिएशन के संयुक्त महासचिव (प्रथम) ललित कुमार बघेल ने कहा, कि रावघाट माइंस बीएसपी/सेल की रीढ़ है, लेकिन कर्मचारियों के समस्याओं की यह पुकार अनसुनी नहीं रहनी चाहिए। इसे गंभीरता से लेते हुए प्रबंधन को तत्काल सार्थक और ठोस कदम उठाने चाहिए। जिससे प्रबंधन के प्रति कर्मचारियों का विश्वास बढ़ेगा।

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