दुर्ग स्वामी आत्मानंद शासकीय अंग्रेजी माध्यम आदर्श महाविद्यालय धनोरा, दुर्ग(छ.ग.) में दिनांक 31.07.2025 को प्रेमचंद जयंती एवं तुलसीदास जयंती का आयोजन किया गया। आयोजन महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. ए. ए. खान की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम की की मुख्य अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार एवं लेखिका सरला शर्मा जी रहीं। आयोजन का प्रारंभ परम्परागत सरस्वती पूजन से हुआ। ततपश्चात् मंचीय जनों का स्वागत किया गया। इस अवसर पर तुलसीदास जी के दोहा गायन एवं मुंशी प्रेमचंद जी की कहानियों पर पोस्टर प्रतियोगिता आयोजित की गई एवं “वर्तमान संदर्भ में तुलसीदास और मुशी प्रेमचंद के साहित्य की सामाजिक भूमिका” विषय पर व्याख्यान रखा गयां। विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक अपनी भागीदारी निभाई। महाविद्यालय के प्राध्यापक श्री विकास पंचाक्षरी ने तुलसीदास एवं प्रेमचंद जी की साहित्य की चर्चा के साथ तुलसीदास जी की रामचरित मानस की महत्ता बताई। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. ए. ए. खान ने अपने वक्तव्य में साहित्यकार द्वय के साहित्य के समाज में उत्कृष्ट स्थान एवं उसके अनुसारण पर बल दिया। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि वक्ता विदुषी सरला शर्मा ने अपने व्याख्यान में प्रेमचंद की कहानियों एवं उनके उपन्यासों का क्रमबद्ध विवरण प्रस्तुत कर वर्तमान में उसकी प्रासंगिकता बताई, साथ ही गोस्वामी तुलसीदास के साहित्य एवं रामचरित मानस के बाली, शबरी, केेवट जैसे पात्रों की आज के समाज में आवश्यकता एवं महत्व को उद्यत किया। सरला जी का व्याख्यान अत्यंत प्रभावशाली रहा। समस्त श्रोता जिसमें प्राध्यापकगण और विद्यार्थी दोनो थे मंत्र-मुग्ध हो सुन रहें थे। आयोजन की संयोजक श्रीमती कल्पना पाण्डेय शुक्ला ने विदुषी सरला शर्मा जी के साहित्यएवं उनको मिले सम्मान की जानकारी दी। साथ ही प्रेमचंद और तुलसीदास के साहित्य की आज के समय में आवश्यकता एवं सम्बन्ध को प्रकाशित किया। आयोजन की सहसंयोजक श्रीमती छाया साहू के कुशल संचालन ने कार्यक्रम की आभा को द्विगुणित किया। आभार प्रदर्शन डॉ. हेमा कुलकर्णी ने किया। दोहा प्रतियोगिता में प्रथम सबीना, द्वितीय श्रुति एवं राजीव चंम्पती, पूर्णिमा एवं श्वेता तृतीय स्थान पर रहें। पोस्टर प्रतियोगिता में श्वेता प्रथम, मानस द्वितीय, एवं अद्वितीय ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। कर्यक्रम का अंत समस्त विद्यार्थियों के द्वारा हनुमान चालीसा के गायन से किया गया। जो हमारी एकता एवं सम्प्रभुता को उजागर करती है। इस कार्यक्रम में तकनीकी रूप से अतिथि व्याख्याता सुश्री अथिति सिंह, श्रीमती रितिका अवस्थी सहयोगी रहीं।एवं निर्णायक रूप में प्राध्यापक श्री विश्वनाथ ताम्रकार थे। डॉ. स्वाति तिवारी, डॉ. संदीप कुमार और समस्त कर्मचारीगण ने अपनी उपस्थिति एवं सहयोग प्रदान किया।
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